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संतुष्टि का महासागर: क्लिट मसाज का सही तरीका और क्यों यह ज़रूरी है

परिचय: क्यों ज़रूरी है क्लिट को समझना?

दोस्तों, यौन संतुष्टि (sexual satisfaction) केवल पेनिट्रेशन (प्रवेश) से ही प्राप्त नहीं होती। बहुत से लोग क्लिट (Clit) को मसाज करने के तरीके के बारे में जानना चाहते हैं, क्योंकि यह फीमेल पार्टनर की संतुष्टि के स्तर को काफी बढ़ा सकता है। सही गाइडलाइन से आपकी यौन स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।

संतुष्टि का महासागर: क्लिट मसाज का सही तरीका और क्यों यह ज़रूरी है

क्लिट का महत्व और संरचना

क्लिट बाहरी रूप से मटर के दाने जैसा महसूस होता है, लेकिन यह चमड़े की एक हुडी जैसी परत से ढका होता है, जिसकी वजह से यह सामान्यतः दिखाई नहीं देता। यह अंदर से 'महासागर' (ocean) के समान है। क्लिट एक ऐसा अंग है जहां लगभग 8,000 से 10,000 सेंसिटिव नसें (sensitive nerves) आकर जुड़ती हैं।

पेनिट्रेशन के दौरान, इन संवेदनशील नसों में से केवल 20 से 30 प्रतिशत ही उत्तेजित (stimulate) हो पाती हैं, जिससे महिला साथी को सीमित संतुष्टि मिलती है। लेकिन जब आप क्लिट को सीधे मसाज देते हैं, तो ये ओवर सेंसिटिव नसें उत्तेजित होती हैं, जिससे फीमेल पार्टनर को बहुत गहरी संतुष्टि मिल सकती है।

मालिश की तैयारी और ज़रूरी बातें

  1. पहले उत्तेजित करें: मालिश शुरू करने से पहले, अपनी फीमेल पार्टनर को उत्तेजित करना सबसे महत्वपूर्ण है। थोड़ा किस (kiss), थोड़ा टच (touch), और थोड़ा स्टिमुलेशन (stimulation) दें। जब वह उत्तेजित होंगी, तो उनके प्राइवेट ऑर्गन में ब्लड फ्लो अच्छे से होगा, जिससे मसाज का ज़्यादा फायदा पहुंचेगा।

  2. लुब्रिकेशन का उपयोग: इस क्षेत्र को कभी भी सूखे हाथों से टच (स्पर्श) नहीं करना चाहिए। हमेशा कोई अच्छा तेल (good oil) या फिर आर्टिफिशियल ल्यूब (artificial lube) का इस्तेमाल भरपूर मात्रा में करें।

  3. दबाव (Pressure) से बचें: इस एरिया पर कभी भी दबाव (pressure) नहीं डालना चाहिए। अगर आप दबाव डालते हैं, तो यह दर्द पैदा कर सकता है, जो संतोष के बिल्कुल विपरीत होता है। क्योंकि संवेदनशील नसें अच्छे मसाज से जितना सेटिस्फेक्शन दे सकती हैं, दबाव से उतना ही दर्द दे देंगी।

सही ढंग से क्लिट मसाज करने की तकनीक

क्लिट को मसाज करने और योनि मार्ग (vaginal canal) में 'फिंगरिंग' करने में अंतर होता है; दोनों अलग चीजें हैं।

  1. जेंटल स्पर्श: क्लिट को आपको बिल्कुल धीरे-धीरे और प्यार से सहलाना (gently stroke) होता है। अपने फिंगर टिप्स (उंगलियों के सिरे) की मदद से आपको मसाज करना है।

  2. टैप और सहलाना: आप ऊपर से नीचे तक या नीचे से ऊपर तक प्यार से सहला (stroke) सकते हैं, या फिर आप उसे हल्के से टैप (tap) भी कर सकते हैं। आपको क्लिट को ढूंढने की ज़रूरत नहीं है, जिससे वह नर्वस हो सकती हैं। बस ऊपर के हिस्से को धीरे-धीरे छूते रहें।

  3. धैर्य रखें: यह उम्मीद न करें कि छूते ही करंट जैसा काम कर जाएगा। एक्साइटमेंट का स्तर धीरे-धीरे, मसाज करते-करते बढ़ता रहता है। 2-3 मिनट के बाद आप देखेंगे कि उनकी शारीरिक हरकतें बदल जाएंगी और उनके कमर का हिस्सा शेक होना शुरू हो सकता है—यह चरम सुख (orgasm) प्राप्त करने का एक अलग स्तर होता है।

  4. आसपास के हिस्से: केवल क्लिट को ही टच करना ज़रूरी नहीं है। आप आसपास के हिस्से और जांघों (thighs) के हिस्से को भी टच कर सकते हैं, क्योंकि वे भी बहुत संवेदनशील होते हैं।

  5. फिंगरिंग का समावेश: यदि आप दोनों सहज (comfortable) हैं, तो क्लिट की मालिश के दौरान आप फिंगरिंग भी कर सकते हैं, जिससे फीमेल पार्टनर को ऊपर से नीचे तक पूरी संवेदनशीलता (sensitivity) मिलती है।

मसाज के बड़े फायदे

सही तरीके की मसाज उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होती है जो पेनिट्रेट नहीं कर सकते। यह उन जोड़ों के लिए भी अच्छा है जो गर्भवती (pregnant) नहीं होना चाहते हैं और नॉन-पेनिट्रेटिव इंटिमेसी की ओर ज़्यादा जाना चाहते हैं। यदि आपका मसाज अच्छे से हुआ, तो महिला साथी इतनी गीली हो जाती है कि उनकी 80 से 90 प्रतिशत उत्तेजना (stimulation) धीरे-धीरे संतुष्टि में बदल जाती है।

शर्म को दूर भगाएं

सेक्स एक ऐसी गतिविधि है जहां पर शर्म की कोई जगह नहीं है। भारतीय जोड़ों के बीच अक्सर शर्म और लिहाज की भावनाएं संतुष्टि के स्तर को कम कर देती हैं। जितना आप शर्म को इससे बाहर निकालेंगे, उतना ही मेल और फीमेल पार्टनर (दोनों कपल) के बीच में बॉन्डिंग (बंधव), एक्साइटमेंट और सेटिस्फेक्शन का स्तर बढ़ता है, जो उनके मानसिक (mental) और शारीरिक (physical) स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है।

पुरुष स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी

यदि आपका बहुत जल्दी डिस्चार्ज (शीघ्रपतन) हो जाता है और आप बिना किसी साइड इफेक्ट के अपने समय को बढ़ाना चाहते हैं, तो आप जुस स्टिक कैप्सूल (Juce Stick capsules) का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें अश्वगंधा, सफेद मूसली, अकरकरा, शतावरी, कंचबीच, शिलाजीत, सलाम पंजा, गोक्षुरा, काली मुसली, तिवांग भस्म और लौ भस्म जैसे सुरक्षित और सुरक्षित हर्ब्स (herbs) शामिल हैं। यह आंतरिक रूप से जल्दी डिस्चार्ज की समस्या को जड़ से खत्म करने और स्वाभाविक रूप से आपके समय को बढ़ाने में मदद करता है। यह GMP और ISO सर्टिफाइड ट्रस्टेड प्रीमियम ब्रांड है।

जब वो होती हैं 'सुपर अराउज़्ड': योनि में कसावट का वैज्ञानिक कारण और अद्भुत बदलाव!

हाल ही में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और कमाल का सवाल सामने आया, जो इस बात को दर्शाता है कि कुछ पुरुष अपने फीमेल पार्टनर पर कितना ध्यान देते हैं। यह सवाल इतना दिलचस्प था कि इस पर तुरंत ही वीडियो बनाना आवश्यक लगा।

जब वो होती हैं 'सुपर अराउज़्ड': योनि में कसावट का वैज्ञानिक कारण और अद्भुत बदलाव!

सवाल यह था कि जब फीमेल पार्टनर बहुत ज्यादा उत्तेजित (aroused) होती हैं, तो योनि बहुत ज्यादा टाइट (tight) महसूस होती है, जबकि सामान्य या कम उत्तेजना की स्थिति में ढीलापन महसूस होता है।

इस तरह के बदलावों पर ध्यान देना अविश्वसनीय (amazing) है। अगर हर पुरुष इस तरह से ध्यान दे, तो आधी समस्याएं वहीं सुलझ सकती हैं। सिर्फ एक ही पुरुष नहीं, बल्कि कई अन्य पुरुषों ने भी इस बदलाव को महसूस किया है कि जब उनकी पत्नी या पार्टनर बहुत ज्यादा अराउज़्ड होती हैं, तो वे योनि में अधिक कसावट महसूस करते हैं।

उत्तेजना के दौरान कसावट का कारण

इस कसावट की वजह रक्त प्रवाह (Blood Flow) में वृद्धि है।

  1. रक्त प्रवाह में वृद्धि: जैसे पुरुष के प्राइवेट ऑर्गन में उत्तेजना के दौरान रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे लटकता हुआ अंग बिना किसी हड्डी के लोहे जैसा सख्त और खड़ा हो जाता है, ठीक उसी तरह फीमेल पार्टनर के प्राइवेट ऑर्गन में भी उत्तेजित होने पर रक्त प्रवाह बढ़ता है।
  2. सूजन और कसावट: रक्त प्रवाह बढ़ने के कारण पेल्विक एरिया और योनि के आसपास का हिस्सा (muscles) बहुत ज्यादा सेंसिटिव (sensitive) हो जाता है। रक्त प्रवाह बढ़ने से योनि के आसपास के मसल्स (muscles) में सूजन आती है और वो फूल जाते हैं।
  3. बाहरी फूलना, अंदरूनी दबाव: यह सूजन या फूलना दर्द वाला नहीं होता। यह रक्त प्रवाह के कारण होता है, जिससे योनि के आसपास का हिस्सा (यानी वजाइनल वाल का बाहरी हिस्सा), जो सामान्यतः किशमिश की तरह सिकुड़ कर रहता है, रक्त प्रवाह होने की वजह से फूलता है।
  4. टाइट महसूस होना: जब यह बाहर से फूलता है, तो वजाइनल कैंडल (योनि मार्ग) अंदर से दब जाता है। इसी दबाव के कारण, जब पेनिट्रेट किया जाता है, तो पुरुषों को टाइट महसूस होता है।

संपूर्ण उत्तेजना का महत्व

विशेषज्ञों का कहना है कि फीमेल पार्टनर का अच्छे से अराउज़ होना बहुत ज़रूरी है। यह उन लोगों के लिए और भी आवश्यक है जिनका नॉर्मल डिलीवरी हुआ है या जो नियमित रूप से शारीरिक संबंध बनाते हैं।

जब एक फीमेल पार्टनर अच्छे से अराउज़ होती है, तो उसके शरीर में रक्त प्रवाह बहुत बेहतरीन होता है। रक्त प्रवाह की वजह से ही फीमेल पार्टनर की योनि में कसावट महसूस होती है, जो प्लेज़रेबल सेक्स (pleasurable sex) को प्राप्त करने में बहुत मदद करता है।

लुब्रिकेशन का रोल (Female Lube)

उत्तेजना का दूसरा महत्वपूर्ण परिणाम फीमेल ल्यूब (Female Lube) का अच्छी तरीके से पास होना है। लुब्रिकेशन की वजह से यह हिस्सा स्लीपरी बना रहता है। यह ल्यूब पूरे प्रोसेस के दौरान—चाहे आप 10 मिनट करें, 15 मिनट करें, या पोजीशन चेंज करें—कंटीन्यूअसली आता रहना चाहिए। कई कपल पोजीशन बदलने के साथ जगह भी बदलते हैं (जैसे बेड से सोफा)। ऐसे में योनि ड्राई (dry) न हो, इसलिए लुब्रिकेशन बहुत महत्वपूर्ण है।

जो पुरुष प्लेज़रेबल सेक्स चाहते हैं, उन्हें हमेशा अपने फीमेल पार्टनर को अच्छे से अराउज़ करना चाहिए।

अगर उत्तेजना कम हो रही है तो क्या करें?

अगर आपकी फीमेल पार्टनर में सेक्स की इच्छा कम हो रही है, या वह पहले की तरह उत्तेजित नहीं हो पाती हैं, तो इसका कारण उनके शरीर में सेक्स हार्मोन (Sex Hormone) का कम होना हो सकता है। वह जानबूझकर ऐसा नहीं कर रही हैं, बल्कि उनके शरीर में वह 'भूख' है ही नहीं।

इस समस्या को दूर करने के लिए एक सस्ता और टिकाऊ उपाय बताया गया है:

बाजार या Amazon से किसी अच्छी कंपनी का शतावरी (Shatavari) खरीदें। इसे पाउडर फॉर्म या टैबलेट फॉर्म में लिया जा सकता है। इसे अपनी पार्टनर को रोज़ाना दो महीने तक खिलाएं।

दो महीने के भीतर आपको जबरदस्त (drastic) बदलाव देखने को मिलेंगे। एक महीने के अंदर भी काफी बदलाव दिखेंगे, लेकिन दो-तीन महीने में ड्रास्टिक चेंज आएगा।

शतावरी के लाभ (सूत्रों के अनुसार):

  • चिड़चिड़ापन (Irritability) कम होगा।
  • सेक्स डिज़ायर बढ़ेगा।
  • लुब्रिकेशन बढ़ेगी।
  • टाइट महसूस होना और ज्यादा होगा।
  • हार्मोनल असंतुलन (हॉर्मोनल इमंबैलेंस) दूर होगा।

जब शरीर में डिज़ायर बढ़ेगा और सेक्स हार्मोन की ग्रोथ होगी, तो फीमेल पार्टनर कम ना कहेंगी। यह एक तथ्य (fact) है, और इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

केवल साइज़ नहीं, संतुष्टि के लिए ज़रूरी है 'सही दिशा' और घर्षण!

अक्सर यह कहावत है कि "साइज़ बढ़ाओ, सेटिस्फेक्शन लाओ"। हालांकि, यह कॉन्सेप्ट पूरी तरह से सच नहीं है। कुछ पार्टनर यह सोचते हैं कि जितना ज़्यादा गहरा वे अंदर डालेंगे और ज़ोरों से धक्का लगेगा, उतना ज़्यादा फीमेल को संतुष्टि मिलेगी, लेकिन यह कॉन्सेप्ट हर फीमेल के लिए कारगर नहीं होता। फीमेल पार्टनर की संतुष्टि के लिए ज़रूरी है कि आप गहराई (depth) के बजाय संवेदनशीलता (sensitivity) और सही दिशा (direction) पर ध्यान दें।

केवल साइज़ नहीं, संतुष्टि के लिए ज़रूरी है 'सही दिशा' और घर्षण!

गहराई (Depth) बनाम संवेदनशीलता (Sensitivity)

'डीप इंसर्शन' (Deep Insertion) के कॉन्सेप्ट को समझने के लिए आपको फीमेल प्राइवेट पार्ट की गहराई को समझना होगा। प्राकृतिक रूप से (उन फीमेल्स में जिन्होंने कभी डिलीवरी नहीं की है), इसकी गहराई 2.5 इंच से 3.5 या 4 इंच के आसपास होती है। जब कोई फीमेल उत्तेजित (aroused) होती है, तो यह हिस्सा एक्सपैंड होकर (फैलकर) लगभग 6 इंच तक पहुँच सकता है। यह विस्तार इस बात पर निर्भर करता है कि वह फीमेल कितनी उत्तेजित हुई है और उसकी बॉडी कितनी फ्लेक्सिबल है। अधिकतम विस्तार सबका 6 इंच तक पहुँचे, यह ज़रूरी नहीं है; यह 4.5 इंच, 5 इंच, या 6 इंच तक भी एक्सपैंड हो सकता है।

लेकिन संतुष्टि की बात करें तो, फीमेल प्राइवेट पार्ट चैनल का सिर्फ शुरुआती दो से ढाई इंच का हिस्सा ही सबसे ज़्यादा संवेदनशील (sensitive) होता है। यह संवेदनशीलता इसलिए होती है क्योंकि इसी हिस्से के ऊपर संवेदनशील नसें (nerves) होती हैं, और यहीं पर क्लीट (clit) भी बैठा रहता है।

आनंद की कुंजी: ऊपरी दिशा में घर्षण (Upward Friction)

अगर आप गहरा इंसर्शन भी करते हैं, तब भी फीमेल को कोई फर्क नहीं पड़ेगा, जब तक कि शुरुआती 2 इंच के हिस्से में ठीक से घर्षण (friction) न हो। फीमेल को अच्छा महसूस तभी होता है जब यहीं पर घर्षण होता है।

यदि आप चाहते हैं कि ओरल परफॉर्मेंस के अलावा भी आपकी फीमेल पार्टनर स्ट्रोकिंग से अपनी संतुष्टि और चरम सुख को प्राप्त करें, तो आपको ऐसी पोज़ीशन (position) ट्राई करनी चाहिए जहाँ इंसर्शन ऊपर की दिशा (upper direction) में हो।

  1. क्लीट स्टिमुलेशन (Clit Stimulation): जब आप इंसर्ट कर रहे होते हैं और वह सीधा न होकर थोड़ा ऊपर की दिशा में जाता है (कमर की दिशा में), तो यह जाकर क्लीट को स्टिम्युलेट करता है।
  2. प्रभाव: जितना ज़्यादा इंसर्शन ऊपर की तरफ़ जाएगा, उतना ही ज़्यादा करीब से क्लीट स्टिम्युलेट हो पाएगा, जिससे उसकी नसों (nerves) को भी स्टिम्युलेशन मिलता है, और इसी से फीमेल को संतुष्टि मिल सकती है।
  3. घर्षण की दिशा: घर्षण हमेशा ऊपरी दिशा में देना चाहिए। सीधे डायरेक्शन में इंसर्ट न करके, अगर आप ऊपर की डायरेक्शन में जाते हैं, तो फीमेल की जो स्किन होती है, वह ऊपर की तरफ़ अच्छे से रब होती है। इससे संवेदनशीलता पैदा होती है, जिससे फीमेल को चरम सुख प्राप्त करने में सहायता मिलती है।

इरेक्शन की कठोरता (Hardness) का महत्व

ऊपरी दिशा में ज़्यादा से ज़्यादा घर्षण (friction) देने के लिए कठोर इरेक्शन (hard erection) का होना बहुत ज़रूरी है। यदि आपका इरेक्शन हार्ड नहीं होता है, या संबंध बनाते वक्त आप ढीलेपन (softness) को महसूस करते हैं, या आपको मॉर्निंग इरेक्शन भी नहीं होता है, तो आप अपने इरेक्शन को सुधारने के लिए सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल करके देख सकते हैं।

इरेक्शन को सुधारने के लिए विकल्प:

  • MRS कंपनी का बोल्ड फॉर मेन (Bold for Men): इसमें ऐसे खास इंग्रीडिएंट्स डाले गए हैं जो इरेक्शन को धीरे-धीरे बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

    • इसमें लिवज़ा (Livza) है, जो एक हर्बल पेटेंटेड मॉलिक्यूल है। यह आम (mango) और अनार (pomegranate) के अर्क (extracts) से बनाया गया है। इसका मुख्य काम शरीर में रक्त प्रवाह (blood flow) को बेहतर बनाना है।
    • इसमें सफेद मूसली भी शामिल है, जिसे लिबिडो (libido) और टेस्टोस्टेरोन को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने के लिए जाना जाता है, जिससे इरेक्शन भी सुधरती है।
  • मिस्टर एनहांस फॉर मेन (Mister Enhance for Men): इससे आप अपने प्राइवेट पार्ट की मालिश कर सकते हैं।

    • इसमें एल-आर्जिनिन (L-Arginine) होता है, जो प्राइवेट पार्ट की रक्त वाहिकाओं (blood vessels) की मरम्मत करने में मदद करता है, जिससे रक्त प्रवाह ठीक से बना रहता है।
    • इसमें लौंग का तेल (Clove oil) भी है, जो हाइपरसेंसिटिविटी (अति संवेदनशीलता) को कम करने में सहायक है।

याद रखें, जब आपका इरेक्शन कठोर होगा, तभी आप ऊपरी दिशा में फ्रिक्शन (घर्षण) अच्छे से दे पाएंगे। इरेक्शन में सुधार के लिए आप इन फ़ॉर्मूलों का इस्तेमाल कर सकते हैं।